इतिहास
जिला न्यायालय कौशांबी की स्थापना 13 अक्टूबर 2000 को जिला मुख्यालय मंझनपुर में की गई थी और श्री जगत प्रकाश पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश थे, पहले क्षेत्राधिकार का प्रयोग जिला न्यायालय इलाहाबाद द्वारा किया जाता था। कौशांबी जिला न्यायालय की स्थापना से दूरस्थ और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के लिए न्याय तक पहुंच आसान हो गई। अदालतों के संचालन के लिए मंझनपुर में जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंगनबाडी भवन का उद्घाटन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश माननीय श्री श्यामल कुमार सेन द्वारा प्रशासनिक न्यायाधीश माननीय श्री विनोद कुमार राय की उपस्थिति में किया गया। 13 अक्टूबर, 2000 को ‘ब्ली हाई कोर्ट, इलाहाबाद। सिविल जज (एस.डी.), सिविल जज (जे.डी.) और सिविल जज (जे.डी.) एफटीसी-द्वितीय की अदालतें उस भवन में कार्य कर रही हैं।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सिविल जज (सीनियर डिवीजन), सिविल जज (जूनियर डिवीजन) और न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालतें वर्ष 1997 में जी.ओ. संख्या के तहत शुरू हुईं। 4661/सात-न्याय-2/97/दिनांकः 19.12.1997. एडीजे कोर्ट नंबर 1 को अधिसूचना दिनांक 29.11.2002 द्वारा इलाहाबाद से स्थानांतरित किया गया था। एडीजे कोर्ट नंबर 2 और एडीजे कोर्ट नंबर: 3,4 और 5 दिनांक अधिसूचना के तहत अस्तित्व में आए। क्रमशः 28.01.2008 और 11.07.2011. पारिवारिक न्यायालय दिनांक 23.05.2013 के जी.ओ. द्वारा बनाया गया था।
नए न्यायालय भवन के भूतल का शिलान्यास 20.03.2010 को प्रशासनिक न्यायाधीश, कौशांबी न्यायधीश माननीय न्यायमूर्ति श्री एस.के. द्वारा किया गया था। त्रिपाठी. पूरा होने के बाद, भवन का उद्घाटन 14.03.2014 को माननीय न्यायाधीश श्री ताहिर हुसैन द्वारा किया गया। नये न्यायालय भवन के प्रथम तल का शिलान्यास दिनांक 21.02.2015 को प्रशासनिक न्यायाधीश, कौशांबी न्यायधीश माननीय न्यायमूर्ति श्री एम.सी. द्वारा किया गया। त्रिपाठी. दिनांक 15.10.2021 को कौशांबी न्यायलय के प्रशासनिक न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति श्री शेखर कुमार यादव ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री ब्रजेश कुमार मिश्रा की उपस्थिति में नये न्यायालय भवन के प्रथम तल पर निर्मित सात न्यायालय कक्षों एवं नवनिर्मित सत्र भवन का उद्घाटन किया। जज, कौशांबी। 14 न्यायालय कक्षों वाला नया न्यायालय भवन वर्तमान में कार्यशील है।